अवधी भाषी कि देहाती ।।

सेयर गर्नुहोस

14021614_624473411045708_6982148156696786600_nहमरे नेपाल मे नवलपरासी, रुपन्देही ,कपिलबस्तु , बांके, बर्दिया लगायत कय जिल्ला महिया अधिकतर अवधी बाेला जात हय लेकिन अगर इहय जिल्ला कय शहरेन मे अवधी बाेलय वाले मिलत हय ताे हमरे देहाती बाेलावा जात हय ,जबकि देहाती कय मतलब देहात अथवा गावं से अाये लाेगेन का कहाँ जात हय । अगर देहात से अावै वाले लाेग शहर पहुंचत है ताे वय शहरु रहनसहनका अपनावय लागत हय लेकिन वनही केहु अउर गावं से अावैवाला कय से मिलतहय ताे उ गावंवाला कय देहाती कहत हय जेकर मुख्य कारण वकर अवधी भाषा अब पहिरावा हाेय। लकिन केहुका वकरे भाषा अव पहिरन से पहिचांन कय बहुत बडा सम्बन्ध हाेत हय जेहमा दुई राय नाई हय पर वह मनईका हिन्ता से देखयक नजारिया का परिवर्तन करेक बहुत जरुरी है । हमरे अवधी भाषी समाज कय कुछ शहरिया बाबू लाे अवधी बाेलय वालेन का देहाती बाेलावत है ,वनके नजर मे जे अवधी बाेलत है उ देहात मतलब गवांइ लाेग हाेत है । वइसे भी पहिले शहर नाई बना रहा तब सब देहातीय्य रहा लेकिन जैसे समय बदलत गवा अधुनिकीकरण बढत गय अाैर लाेगेनका नेपाली ,हिन्दी ,अंग्रेजी के प्रति रुझान बढय लाग । यह भागदाैड मे बाकी भाषा बिकास कय तुल पकडिस लेकिन अवधी भाषाका हिनाई कय सामना करयक पडा अव जहाँ कय वही रही गवा । कुछ लाेग ताे जानबुझ कय अवधीका नाई अागे अावय देवा चाहत है जे अापन भाषाका दुसरे भाषा से जाेडे बैठा है । भगवान राम अवधबासी रहेय अव गोस्वामी तुलसीदास कय अधिकतर रचना,कृति अवधी मे रह जउन जग जाहिर है । भारत मे जनसंख्या कय हिसाब से सबसे बडा राज्य उत्तर प्रदेश जहाँ कय मुख्य भाषा अवधी हाेय लेकिन उहीँ नेपाल कय अवध भाषी जिल्ला लेवा जाय ताे धीरे धीरे से यहभाषा कय अस्तित्व खतम हाेत जात हय ।

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