१४ बैशाख २०८१, शुक्रबार

बाप दादा किहिन कमाई

 

-अजय पाण्डेय

बाप दादा किहिन कमाई
बेटवा धैकय ओहिका उडाइ
जमिन्दारकय बेटवा होइ
बिना बियर निंद नआई
मस्त जिन्दगी

ओतना सारा खेत पडा
वोका बैठकै बेचा जाई
हरेक महिना मोटरसैकिल बदलाई
पिछे सुन्नर लड्की बैठाई
मौज खुब उडावाजाई
मस्त जिन्दगी

जे का मन करी गरिअवाजाई
पिछे लैकय ५ लाफंडर
चौराहा पे घुमाजाई
लफडा होइ काउनो तो
काम आइहाँय दादामाई
मस्त जिन्दगी

कहेका प्रजातन्त्र औ गडतन्त्र
सब नेता आपय चाचा अव भाई
दादा बाबा राज किहिन
हमका के रोकपाई
चाहे जौने पार्टी कय सरकार बनय
सबमे अपान राज चलाई
मस्त जिन्दगी

इन्स्पेक्टर ससुर सलाम लगावायं
हम कहे केहुसे डराई
सब अपने आगे हाथ फैलावायं
कवनेकय हिम्मत कि अन्गुरी देखाई
जीवन आइसय चलि हमेशा
हमका कौन रोक पाई
मस्त जिन्दगी

बजेट आपन सत्ता आपन
मिल बटिकय खावाजाई
गरिब दुखी कवाने चिदियाकय नाव होय
लूटा गहय लूटाजाई
केहू ससुर जो बोलिहयं
तो होइ ओनका खुब धुलाई
मस्त जिन्दगी

धेरै कमेन्ट गरिएका

ताजा उपडेट